गाजीपुर जखनिया: शासन की मंशा के तहत हर ग्राम पंचायत में पंचायत भवन का निर्माण कराया गया ताकि ग्रामीणों को सुविधाएं उनके गांव में ही मिल सकें। लेकिन ग्राम प्रधान और सचिवों की लापरवाही के चलते ज्यादातर पंचायत भवन अधूरे पड़े हैं। इन भवनों को पूर्ण कराने में जिला प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों की रुचि भी नदारद है।कुछ गांवों में तो पहले से मौजूद पंचायत भवन के बावजूद नए भवन स्वीकृत कराए गए, जिससे सरकारी धन के दुरुपयोग की आशंका बढ़ रही है। उदाहरण के तौर पर, मनिहारी ब्लॉक के नसीरपुर गांव में पुराने पंचायत भवन के जीर्णोद्धार के लिए लाखों रुपये स्वीकृत किए गए थे। इसके बावजूद नया भवन प्रस्तावित कर स्वीकृत कर लिया गया। ग्रामीणों ने इसका विरोध कर स्थानीय विधायक से शिकायत की, जिसके बाद नए भवन का कार्य रुकवाया गया।
इस प्रकार की अनियमितताओं में अधिकारियों द्वारा अधूरे भवनों को कागजों में पूर्ण दिखाकर शासन और उच्च अधिकारियों को गुमराह किया जा रहा है। ग्रामीणों ने पंचायती राज मंत्री से निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि दोषियों पर कार्रवाई की जा सके।