टिवोली होटल के चैयरमैन की शिकायत पर  दर्ज मुकदमे में पुलिस क्‍यों है मौन

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देहरादून। होटल के मालिकाना हक को लेकर सहस्त्रधारा रोड पर नवनिर्मित टिवोली सिटीटेल, होटल का विवाद गहरा गया है। इस मामले में रायपुर थाने में धोखाधड़ी, ठगी और आपराधिक विश्वासघात करने व संपत्ति पर अवैध कब्जा करने के को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया था जिसमें पुलिस अभी तक कोई कार्रवाई नहीं कर सकी है।
टिवोली होटल के चेयरमैन व दिल्ली निवासी रोहित गुप्ता की शिकायत पर मालवीय रोड,दून निवासी मंजू गुप्ता व कपिल गुप्ता पर  120 बी,406,420 ,446 की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
रोहित गुप्ता ने तहरीर में लिखा है कि शिकायत आरोपियों ने 17 जनवरी 2024 को अवैध रूप से अब इस होटल का नाम बदलकर सफायर स्काई होटल कर दिया। और होटल का प्रबंधन अपने हाथ में ले लिया। रोहित गुप्ता ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि 27 जनवरी 2023 को लीज डीड के जरिए  खाता खतौनी नंबर 173, खसरा नंबर 568, मौजा अधोईवाला परगना, मध्य दून जिला देहरादून, उत्तराखंड (उक्त संपत्ति) पर स्थित एक होटल भवन को साझेदारी फर्म आराधना आतिथ्य से पट्टे पर लिया। यह सम्पत्ति सशर्त तीन साल के लिए पट्टे पर ली गयी थी।  रोहित गुप्ता का आरोप है कि उन्होंने होटल की साज सज्जा में करोड़ों रुपए खर्च किया। और शर्तों के मुताबिक आरोपियों को करोड़ों की धनराशि आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर की। दर्ज मुकदमे में कहा गया है कि धनराशि मिलने के बाद कपिल गुप्ता ने अन्य भागीदारों के साथ मिलकर सभी सम्पर्क बंद कर दिए । और अंतिम निर्णय को क्रियान्वित करने के लिए आगे आने से इनकार कर दिया। दर्ज मुकदमे के अनुसार आरोपी कपिल गुप्ता ने होटल में जीएसटी और भुगतान क्यूआर कोड को भी अपने स्वयं के कोड से बदलते होटल का नाम भी बदल दिया।
शिकयतकर्ता रोहित गुप्ता ने तहरीर के साथ सम्पत्ति से जुड़े दस्तावेज भी पेश किए।
अपनी रिपोर्ट में रोहित गुप्‍ता ने लिखा है  कि  दिनांक 27.01.2023 के लीज डीड के जरिए शिकायतकर्ता ने खाता खतौनी नंबर 173, खसरा नंबर 568, मौजा अधोईवाला परगना, मध्य दून जिला देहरादून, उत्तराखंड (उक्त संपत्ति) पर स्थित एक होटल भवन को आरोपी आराधना से पट्टे पर लिया।  आराधना आतिथ्य एक साझेदारी फर्म है जिसका मुख्य व्यवसाय स्थान सहस्त्रधारा रोड पर है। ग्राम अधोईवाला, परगना परवादून, जिला देहरादून, और निम्नलिखित साझेदारः श्रीमती मंजू गुप्ता पत्नी श्री कपिल गुप्ता, पुत्री श्रीमती सुरभि गुप्ता पत्नी श्री विनीत गुप्ता, श्री कपिल गुप्ता पुत्र श्री बृज भूषण लाल गुप्ता सभी निवासी 33. मालवीय रोड, देहरादून, उत्तराखंड। अराधना हॉस्पिटैलिटी ने खुद को संयुक्त और अनन्य के रूप में पेश किया। उक्त संपत्ति पर नवनिर्मित होटल भवन का कब्जा मालिकों के पास है, जो कि दिनांक 27.01.2023 के पट्टा विलेख के अनुसार है। उक्त संपत्ति शिकायतकर्ता को तीन वर्ष की अवधि के लिए निम्नलिखित शर्तों पर पट्टे पर दी गई थी।  उक्त पट्टा विलेख (इसके साथ सलग्न) के सखंड 2 में विशेष रूप से उल्लेख किया गया है। यहां यह बताना समीचीन होगा कि शिकायतकर्ता की लीज रेंट के रूप में प्रति माह 7 लाख रुपये प्लस जीएसटी का भुगतान करना था और आगे की राशि जमा करनी थी। वापसी योग्य सुरक्षा के रूप में 21 लाख रुपये (3 महीने के लीज किराए के बराबर) और 20 लाख रुपये का अग्रिम लीज किराया चुकाया गया। पट्टे की अवधि मूल रूप से 01.11.2022 से शुरू होनी थी (और 31.10.2025 को समाप्त) हालांकि, उक्त पर निर्माण कार्य पूरा करने में अभियुक्तों की ओर से देरी के कारण संपत्ति के लिए लीज डीड का पंजीकरण जनवरी 2023 में ही करने तथा 01.04.2023 से किराए का भुगतान शुरू करने का निर्णय लिया गया। आरोपी द्वारा शिकायतकर्ता को अंतिम कार्यवाही का कार्यभार संभालने के लिए तीन महीने की किराया मुक्त अवधि प्रदान की गई थी। होटल की फिनिशिंग जिसमें इंटीरियर, फिटिंग और फिक्सचर आदि शामिल हैं। . रु. 74,34,000.00 (सजर रुपए) की राशि शिकायतकर्ता द्वारा आरोपी को पट्टा किराये के रूप में चार लाख चौतीस हजार रूपये मात्र का भुगतान किया गया है। 01.04.2023 से 01.12.2023 तक।  शिकायतकर्ता उक्त संपत्ति पर अपने ब्रांड नाम के तहत होटल चला रहा था। टिवोली सिटीटेल, सहस्त्रधारा रोड देहरादून। लीज डीड के पृष्ठ 15 पर उप-खंड (ii) का अवलोकन करने से यह अनुमति मिलती है कि आरोपी को पट्टा विलेख अवधि के दौरान किसी भी समय शर्तों के अनुपालन में उक्त संपत्ति को बेचने का अधिकार है। उक्त उप-खण्ड 11 में निहित हैं। यदि पट्टाकर्ता इस पट्टे की अवधि के दौरान किसी भी समय अपनी संपत्ति बेचता या हस्तांतरित करता है।  पट्टेदार और (एकतालरिती, सम्पूर्ण या आशिक रूप से पट्टेदार परिसर में अधिकारों के लिए कुछ सातों से बंधे होंगे। और यहां निहित शर्तों के अनुसार, डेमिस्ड परिसर के संबंध में, हालांकि, एक पत्र संयुक्त रूप से जारी किया जाएगा। ‘ नए पट्टेदार और नए मालिक (हस्तांतरिती) के पक्ष में पट्टाधारक द्वारा यहां पर सहमत शर्तों की पुष्टि की जाएगी, जो कि मालिक पर बाध्यकारी होगा और वह मालिक द्वारा भुगतान की गई किसी भी अग्रिम राशि सुरक्षा को भी स्वीकार करेगा।
शिकायतकर्ता को होटल बेचने के समझौते के बावजूद, पट्टा विलेख आज भी वैध है और अभियुक्तों के कृत्य पूरी तरह से बेईमानीपूर्ण हैं और धोखाधड़ी और छल के समान हैं। अभियुक्तों ने शिकायतकर्ता से मासिक लीज़ किराया और उसके लिए किए गए अग्रिम भुगतान दोनों का गबन /धोखाधड़ी की ।  इस मामले  में थाना रायपुर में रिपोर्ट दर्ज की गयी लेकिन पुलिस अभी तक किसी को भी गिरफ्तार नही कर सकी है। हालांकि इस मामले में आरोपी कपिल गुप्‍ता ने एजेंसी संवाददाता को बताया कि इस मामले में उनका समझौता हो चुका है। इसमें पुलिस की अब कोई भूमिका नहीं है। इसकी जानकारी पुलिस को दे दी गयी है जबकि इस मामले में एस ओ रायपुर कुन्‍दन राम का कहना है कि अभी जांच जारी है और किसी भी तरह के मसझौते की सूचना उनके पास नहीं है।


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