मगहर/संतकबीरनगर। क्षेत्रीय श्री गांधी आश्रम मगहर में मंत्री पद को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहता है। कोई भी मंत्री अपने पूरे कार्यकाल तक पद पर नहीं रहने पाता है। कभी कोर्ट के आदेश पर तो कभी प्रबधं समिति के द्वारा मंत्री को हटा दिया जाता है। इस बार गांधी आश्रम के मंत्री राम अशीष शर्मा के खिलाफ प्रबंध कारिणी सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव ला कर उन्हें अपदस्थ कर दिया। उनकी जगह नये मंत्री के रूप में सदस्यों ने रविन्द्र लाल श्रीवास्तव को चुना है। गांधी आश्रम के मंत्री राम अशीष शर्मा के कार्यप्रणाली को लेकर पिछले दिनों से प्रबंध कारिणी के सदस्यों में नाराजगी चल रही थी।प्रबन्धकारिणी के सदस्य श्यामबिहारी मिश्र ने बताया कि वे संस्था और कर्मचारियों को क्षति पहुंचाने वाले व्यक्ति के खिलाफ आवाज उठाने में पीछे नहीं रहते हैं।गांधी आश्रम के प्रबन्धकारिणी में कुल नौ सदस्य हैं।जिनमें एक सदस्य को अध्यक्ष पद पर मनोनीत किया जाता है।आगे बताया कि गांधी आश्रम की कार्यकारिणी में कोई भी बुनकर अथवा कक्तिन को मनोनीत नहीं किया जा सकता है।जिसके विपरीत मंत्री राम अशीष शर्मा ने एक बुनकर और एक कक्तिन को वर्ष 2021ध्22 में प्रबंध कारिणी का सदस्य मनोनीत कर दिया था।जिसकी जानकारी मिलते ही सभी सदस्यों ने मंत्री से पूछा कि दोनों लोगों को कैसे सदस्य बना दिया गया।इस तरह संस्था को क्षति पहुंचाने का कुचक्र मंत्री द्वारा किया गया।जिसे लेकर सभी सदस्यों की आपात बैठक हुई और मंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया।जिसमें अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में प्रस्ताव रविन्द्र लाल श्रीवास्तव, श्याम बिहारी मिश्रा, इंद्राज मौर्य,वीरेंद्र कुमार दूबे, राम आशीष यादव,रामेश्वर नाथ मिश्रा खड़े हुए।जबकि विरोध में मात्र दो सदस्य राम अशीष शर्मा और राजेंद्र उपाध्याय रहे।अध्यक्ष रामेश्वर नाथ मिश्रा तटस्थ बने रहे।उन्होंने बताया कि अविश्वास में हारने के बाद निवर्तमान मंत्री के पद से स्तीफा देने के बाद नए मंत्री के रूप में रविन्द्र लाल श्रीवास्तव को मनोनीत किया गया।