देहरादून । वन विभाग के अधिकारियों की नाक के नीचे वन माफियाओ ने साल के अाधा दर्जन से अधिक हरे पेड काट डाले और उसकी लकडी को खुर्द बुर्द कर दिया। मामला जब मीडिया के माध्यम से विभागीय अधिकारियों तक पहुंचा तो आनन फानन में छापे की कार्रवाई की गयी लेकिन तब तक वहां से माफिया लकड़ी लेकर फरार हो गये थे। बाद में वहां से एक मोटरसाईकिल और कुछ लकडि़यों को विभागीय अधिकारियों ने सील किया।मामला मसूरी वन क्षेत्र के रायपुर नेहरूग्राम का है। मंगलवार को समाचार एजेंसी से जुड़े लोगों को सूचना मिली की यहां वन माफियाओं द्वारा साल के आधा दर्जन हरे पेड़ों को काट दिया गया है और लकड़ी को एक गाड़ी में भर कर ले जा रहे हैं। इस सूचना के आधार पर मीडिया कर्मियो ने इसकी जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को दी। जानकारी मिलने पर विभागीय अधिकारी जब तक मौके पर पहुंचे तब तक वहा से लकड़ी काट रहे मजदूर व उनका ठेकेदार मौके से फरार हो गया। वहां से विभागीय टीम को कुछ लकडि़यां और एक मोटरसाईकिल मिली जो की ठेकेदार की बताई जा रही है। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि यहां आधा दर्जन साल के हरे पेड़ और एक जामुन का पेड़ काटे गये हैं और उसकी लकड़ी गायब है। हालांकि विभागीय अधिकारियों का कहना है कि मौके से सारी लकड़ी बरामद कर ली गयी है। विभागीय टीम ने काटे हुए पेड़ाें की भी नाप जोख कर ली है। विभागीय अधिकारी मान रहे हैं ये सभी पेड़ आज ही काटे गये।स्थनीय लोगों ने बताया कि इस पूरे मामले में स्थानीय निर्वतमान पार्षद का हाथ है। ये निवर्तमान पार्षद ही पूरे इलाके में पेड़ों को कटवा रहे हैं और अपने लेटर हेड पर ठेकेदार को अनुमति दे रहे हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि कोई भी इस तरह की अनुमति नहीं दे सकता है। कोइ्र भी अनुमति सिर्फ वन विभाग ही दे सकता है वह भी पूरा स्थलीय निरीक्षण करने के बाद। यह पहला मामला नही है जब रायपुर क्षेत्र में इस तरह से हरे पेड़ काटे गये हों। विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के चलते यहां वन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। इससे पहले भी वन विभाग के एक अधिकारी की मिलीभगत से साल के चार पेड काटे गये थे उस समय भी पेड़ काटने की जानकारी मीडिया ने वन विभाग के अधिकारियों को दी उसके बाद ही जुर्म काटा गया लेकिन उसमें भी अभी तक कोई गिरफ्तारी नही हो सकी है।