भदोही। विधिक सेवा दिवस पर शनिवार को जिला मुख्यालय, तहसील एवं ब्लॉक स्तर पर संगोष्ठी व जागरूकता रैली निकाली गई। वहीं केनपीजी में संगोष्ठी हुई। जनपद न्यायाधीश द्वारा स्थाई लोक अदालत के महत्व एवं कार्यों पर भी जानकारी दी गई। वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र, लोक अदालत एवं प्री लिटीगेशन पर भी चर्चा की गई।
इस दौरान जिला एवं सत्र न्यायाधीश दुर्ग नारायण सिंह ने कहा कि विधिक सेवा दिवस का उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों को न्याय प्रणाली के बारे में जागरूक करना है। विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 के तहत गरीब और कमजोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान की जाती है। इस अधिनियम के तहत राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की स्थापना की गई है। जिसका उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों को न्याय प्रणाली के बारे में जागरूक करना है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण निवेदिता अस्थाना ने लोगों को अपने अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि न्याय प्रणाली में सबके लिए समानता का अधिकार है। इसके लिए हमें अपने अधिकारों के बारे में जागरूक रहना होगा। इस संगोष्ठी का उद्देश्य लोगों को विधिक सेवा दिवस के महत्व के बारे में जागरूक करना है और उन्हें अपने अधिकारों के बारे में जानकारी प्रदान करना है।
इस मौके पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम शैलोज चंद्रा, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एफटीसी प्रथम सुबोध सिंह, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एफटीसी द्वितीय लोकेश मिश्र, अपर सिविल जज तृतीय अरिजीत सिंह, जिला बार के अध्यक्ष सूर्यदत्त पांडेय, सचिव सुरजीत सिंह, जिला प्रोबेशन अधिकारी शत्रुघ्न कनौजिया, लीगल एड डिफेंस काउंसिल के चीफ दीपक कुमार रावत, असिस्टेंट रामचंद्र, संदीप दुबे, कॉलेज प्राचार्य, प्रोफेसर एवं छात्र, विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारी लिपिक महेंद्र, अभिनाश कुमार, दीपक गौतम, राजेश, पीएलवी रवि प्रकाश, रीता देवी, चंद्रशेखर आदि आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहें।