ललितपुर- एसडीपीएस इंटरनेशनल स्कूल में किंडरगार्टन के छात्रों के लिए नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत हर्षोल्लास के साथ हुई। स्कूल परिसर को विशेष रूप से सजाया गया था, जहाँ रंग-बिरंगे गुब्बारे, आकर्षक पोस्टर और खिलौनों की सजावट ने माहौल को जीवंत बना दिया।
सुबह-सुबह स्कूल गेट पर शिक्षक-शिक्षिकाओं ने बच्चों का मुस्कान के साथ स्वागत किया। कुछ बच्चों के चेहरे पर नया अनुभव पाने की उत्सुकता थी, तो कुछ को पहली बार मम्मी-पापा से अलग होने की झिझक महसूस हुई। परंतु शिक्षकों के स्नेहपूर्ण व्यवहार और रोचक गतिविधियों के चलते बच्चों ने जल्द ही माहौल से तालमेल बना लिया।
कक्षा के भीतर कहानी सुनाने, रंग भरने, गीत गाने और खेल-खेल में पढ़ाई की गतिविधियाँ आयोजित की गईं। बच्चों के लिए यह अनुभव न सिर्फ मजेदार रहा, बल्कि उन्होंने सीखने के पहले कदम भी उत्साहपूर्वक बढ़ाए।
इस अवसर पर विद्यालय के चेयरमैन कमलेश चौधरी जी ने कहा – हर बच्चे के जीवन की पहली पाठशाला उसका स्कूल होता है, और हम इस जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा व प्रेम से निभाते हैं। हमारे लिए यह सिर्फ शिक्षण नहीं, बल्कि एक संस्कार निर्माण की प्रक्रिया है। किंडरगार्टन के इन नन्हे बच्चों को देखकर विश्वास होता है कि हमारे देश का भविष्य उज्ज्वल और सशक्त है।
विद्यालय प्रशासन का कहना है कि हर बच्चे को सुरक्षित, स्नेहमयी और रचनात्मक वातावरण देना उनकी प्राथमिकता है। इसी सोच के साथ आज एक नई शुरुआत हुई — जहाँ नन्हे कदमों ने बड़े सपनों की ओर पहला कदम बढ़ाया।
सुबह-सुबह स्कूल गेट पर शिक्षक-शिक्षिकाओं ने बच्चों का मुस्कान के साथ स्वागत किया। कुछ बच्चों के चेहरे पर नया अनुभव पाने की उत्सुकता थी, तो कुछ को पहली बार मम्मी-पापा से अलग होने की झिझक महसूस हुई। परंतु शिक्षकों के स्नेहपूर्ण व्यवहार और रोचक गतिविधियों के चलते बच्चों ने जल्द ही माहौल से तालमेल बना लिया।
कक्षा के भीतर कहानी सुनाने, रंग भरने, गीत गाने और खेल-खेल में पढ़ाई की गतिविधियाँ आयोजित की गईं। बच्चों के लिए यह अनुभव न सिर्फ मजेदार रहा, बल्कि उन्होंने सीखने के पहले कदम भी उत्साहपूर्वक बढ़ाए।
इस अवसर पर विद्यालय के चेयरमैन कमलेश चौधरी जी ने कहा – हर बच्चे के जीवन की पहली पाठशाला उसका स्कूल होता है, और हम इस जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा व प्रेम से निभाते हैं। हमारे लिए यह सिर्फ शिक्षण नहीं, बल्कि एक संस्कार निर्माण की प्रक्रिया है। किंडरगार्टन के इन नन्हे बच्चों को देखकर विश्वास होता है कि हमारे देश का भविष्य उज्ज्वल और सशक्त है।
विद्यालय प्रशासन का कहना है कि हर बच्चे को सुरक्षित, स्नेहमयी और रचनात्मक वातावरण देना उनकी प्राथमिकता है। इसी सोच के साथ आज एक नई शुरुआत हुई — जहाँ नन्हे कदमों ने बड़े सपनों की ओर पहला कदम बढ़ाया।