सिकन्दपुर बलिया /एक तरफ केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार किसानों के लिए हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराने का तेजी से प्रयास कर रही है लेकिन तहसील स्तर पर अधिकारियों एवं कर्मचारियों के वजह से मामले काफी लंबित पड़े हुए हैं किसान रोज तहसील का चक्कर लगा रहै है लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है और तो और बहुत ऐसे गांव हैं जहां 6 महीने से अधिक समय हो गए लेकिन अब तक अंश का निर्धारण नहीं किया गया और तो और जो पहले अंश निर्धारण किए गये है उसमें भी काफी गलतियां की गई हैं जब किसान इनको सुधरवाने के लिए तहसील में जा रहे हैं तो उन्हें दौड़ाया जा रहा है और उनका आर्थिक नुकसान भी हो रहा है जबकि संपूर्ण समाधान दिवस में जिलाधिकारी ने अंश निर्धारण में हुई गलती को गंभीरता से लिया था और अधिकारियों व कर्मचारियों को उन्होंने निर्देश दिया था कि जो आईजीआरएस व जनसुनवाई के शिकायती प्रार्थना पत्र मिल रहे है उनको ही आधार बनाकर इस पर आदेश किया जाए जिलाधिकारी के आदेश के बाद भी अब भी तहसील प्रशासन मनमाना करने पर तुला हुआ है।जबकि जमीन सम्बन्धी विवादों को समाप्त करने के लिए भी राजस्व परिषद ने संयुक्त खातेदारों का अंश (हिस्सा) निर्धारण कर एक बहुत बड़ा फैसला लिया था सिकंदरपुर तहसील के 252 गांवों में लेखपाल और कानूनगो अंश निर्धारण के कार्य में लगे हुए हैं मगर राजस्वकर्मी कमाई का नया फंडा अपनाते हुए सहखातेदारों के हिस्से में खेल करने के साथ ही ऐसे लोगों का नाम खाते में डाल दे रहे हैं जिनका उस परिवार से कोई लेना देना नही है सिकंदरपुर तहसील के 252 राजस्व गांवों में इन दिनों अंश निर्धारण किया जा रहा है क्षेत्रीय लेखपालों को गांवों का भ्रमण करके परिवार के सदस्यों से बात कर अंश का निर्धारण करना था मगर अधिकांश लेखपाल तहसील में बैठकर मनमाने ढंग से हिस्सा निर्धारित कर रहे हैं लेखपालों के इस खेल में बेचारे किसान पिस रहे हैं अंश निर्धारण में किसी का कम तो किसी का अधिक हिस्सा होने के साथ ही संयुक्त खातेदारों में ऐेसे लोगों का नाम डाल दिया जा रहा है जिनका उस परिवार से कोई लेना-देना नहीं है कंप्यूटर में फीड होने के बाद जब किसान को जानकारी हो रही है तो राजस्व कर्मचारी ठीक करने का दिलासा दे रहे हैं हालांकि अंश निर्धारण होने से हिस्से को लेकर होने वाला विवाद समाप्त हो जाएगा मगर यह कार्य निष्पक्षता से नहीं करने से किसानों की मुसीबत बढ़ गई है के पहले लेखपाल गांव जाकर सभी सहखातेदारों को सूचना देकर उनकी सहमति के बाद ही अंश का निर्धारण किया जाना चाहिए मगर राजस्व कर्मचारी ऐसा नहीं कर रहे हैं वह संयुक्त खातों में नाम देखकर अंश का निर्धारण कर रहे हैं।संदवापुर निवासी बृजेश यादव ने बताया कि मेरे दादा रामराज यादव व रामसेवक यादव का हिस्सा भी सभी खाताधारकों के बराबर लेखपाल द्वारा अंश निर्धारण कर दिया गया था जब हम लोगो को पता चला तो तहसील के काफी चक्कर लगाना पड़ा तब जा कर हम लोगो के हिस्से का अंश निर्धारण सही हो पाया चकपरुषोत्तम गांव निवासी स्वामीनाथ यादव ने बताया कि हमारी जमीन दुबौली मौजा में थी अंश निर्धारण करते समय मेरी हिस्सेदारी कम कर के कंप्यूटर पर चढ़ा दी गयी थी जब मुझे पता चला तो हम तहसील में काफी भाग दौड़ कर अपने हिस्सेदारी के अंश को सही कराए इस कार्य को कराने के लिए मुझे काफी परेशानी उठानी पड़ी प्रवीण सिंह तहसीलदार सिकन्दपुर के अनुसार तहसील में इन दिनों अंशदान निर्धारण का कार्य हो रहा है हिस्सेदारों का अंश निर्धारित करने के पहले सभी लेखपाल को गांव गांव जाकर अंश निर्धारण करने का निर्देश दिया गया है अगर कोई लेखपाल मनमानी कर रहा है तो जांच करके कार्रवाई की जाएगी फिलहाल जिसके खाते में कोई गड़बड़ी हुई है वह अविलंब ठीक करा ले