लाखों की चोरी और अलीनगर पुलिस की चुप्पी: एक महीने बाद भी नहीं दर्ज हुई एफआईआर

Share

चंदौली। अलीनगर थाना अंतर्गत हिंदवारी गांव में 4/5 नवंबर की रात त्रिपुरारी मिश्रा के घर हुई लाखों रुपये की चोरी के मामले में अलीनगर पुलिस की लापरवाही ने कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना को एक महीना बीत जाने के बावजूद अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई, न ही जांच में कोई ठोस कदम उठाए गए। पीड़ित परिवार पुलिस के इस रवैये से बेहद आहत है और कार्यवाही की गुहार लगा रहा है। 4 /5 नवंबर की रात अज्ञात चोरों ने त्रिपुरारी मिश्रा के घर में सेंध लगाकर नकदी और लाखों रुपये के गहने चुरा लिए। सुबह घटना की सूचना 112 पर दी साथ ही अलीनगर पुलिस को भी लिखित शिकायत दी गई, लेकिन पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। पीड़ित परिवार का कहना है कि अलीनगर इंस्पेक्टर ने आश्वासन तो दिया, लेकिन न तो एफआईआर दर्ज की गई और न ही मामले की जांच को लेकर कोई पहल की गई।  अलीनगर इंस्पेक्टर विनोद मिश्रा की निष्क्रियता ने न केवल पीड़ित परिवार, बल्कि पूरे गांव को निराश किया है। एक महीने के लंबे समय के बावजूद पुलिस ने न तो घटना स्थल का सटीक निरीक्षण किया और न ही चोरों को पकड़ने की कोई ठोस कार्रवाई की। एफआईआर दर्ज न करना पुलिस की घोर लापरवाही को दर्शाता है और यह सवाल उठाता है कि क्या अलीनगर पुलिस ऐसे मामलों में गंभीरता से काम कर रही है।  घटना के बाद से हिंदवारी गांव में भय और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर पुलिस समय पर कार्रवाई नहीं करती, तो चोरों का हौसला और बढ़ेगा। उन्होंने पुलिस प्रशासन से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है ताकि चोरों को पकड़ा जा सके और चोरी का खुलासा हो सके।  अलीनगर पुलिस की यह लापरवाही न केवल उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि अपराधियों को पकड़ने और पीड़ितों को न्याय दिलाने में पुलिस कितनी असफल हो रही है। पीड़ित परिवार और ग्रामीणों ने उच्च अधिकारियों से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप और इंस्पेक्टर की जवाबदेही तय करने की मांग की है।  अब देखना यह है कि पुलिस प्रशासन कब तक इस मामले में कार्रवाई करता है या फिर यह मामला अन्य लंबित मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा।

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *