दुःख दर्द निवारण  के लिए विशुद्धि पूर्वक करें सिद्धों की आराधना – आर्यिका सृष्टिभूषण

Share

 ललितपुर। बुंदेलखंड के प्रसिद्ध सिद्ध क्षेत्र पावागिरि में आचार्य सुमति सागर महाराज की परम प्रभावक शिष्या आर्यिका गणिनी सृष्टिभूषण माता जी, विश्वयश मति माता जी एवं क्षुल्लिका आप्तमति माता के मंगलमय सानिध्य एवं प्रतिष्ठाचार्य बा.ब्र. अभिषेक भैया पवई, बा.ब्र. पारस भैया प्रशम एवं बा.ब्र. प्रिंस जैन टीकमगढ़ के निर्देशन में सिद्धचक्र महामंडल विधान में निरंतर धर्म प्रभावना हो रही है।चौथे दिन मंजीत एन्ड पार्टी भोपाल के मधुर संगीत में भक्ति भाव के साथ सिद्धों की आराधना कर 128 अर्घ समर्पित किये। वहीं रविवार को अतिशय युक्त चमत्कारी बाबा मूलनायक पारसनाथ स्वामी का मस्तिकभिषेक एवं चौंसठ रिद्धि विधान का आयोजन किया गया। इस मौक़े पर धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए आर्यिका गणिनी सृष्टिभूषण माता ने धर्म का मर्म समझाते हुए दुःख दर्द निवारण एवं मनोकामना पूर्ति के लिए विशुद्धि पूर्वक सिद्धों की आराधना करने का आह्वान किया। एवं श्रीपाल-मैना सुंदरी चरित्र का वर्णन किया। रात्रि में मंगल आरती एवं शास्त्र प्रवचन का आयोजन किया गया। मंदिर समिति के उपाध्यक्ष विशाल जैन पवा ने बताया की सिद्ध क्षेत्र पावागिरि में 8 से 15 नवंबर तक सिद्ध चक्र महामंडल विधान के उपरांत 17 से 20 नवंबर तक वार्षिक मेला के माध्यम से स्वर्णभद्रादि मुनिराजों का निर्वाण महोत्सव मनाया जायेगा, जिसके लिये तैयारियां जोरों पर चल रही है । कार्यक्रम में डॉ. महेंद्र जैन विदिशा, जयकुमार, दर्शना अजित कुमार, ऋचा अभिषेक जैन, ऋषभ कुमार, गौरव जैन, अनुराग, अर्चिता जैन विरधा एवं क्षेत्र प्रबंध कार्यकारिणी समिति एवं सकल दिगम्बर जैन समाज का सक्रिय सहयोग रहा। संचालन क्षेत्र अध्यक्ष ज्ञानचंद्र पुरा एवं आभार व्यक्त महामंत्री जयकुमार कंधारी और कोषाध्यक्ष उत्तम चंद्र भड़रा ने किया

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *