निजी नाव संचालकों की बल्ले बल्ले बल्ले
सोहावल तहसील क्षेत्र के ढेमवा घाट पर बने पुल का सम्पर्क मार्ग लगभग तीन वर्ष पहले कट जाने से सरजू की तलहटी में बसे दर्जन भर से ज्यादा गांव के वासिंदो की नींद उड़ गई है। प्रतिदिन तेजी से बढ़ रही सरयू के जलस्तर से ढेमवा पुल के रास्ते बंद हुए नबाबगंज गोंडा मार्ग को जोड़ने के लिए निजी नाव के ठेकेदार ऐमी निवासी पुटुर सिंह ने अपना स्टीमर नदी में डाल कर लोगो को सरयू पार जाने का रास्ता बना दिया है। जहां प्रति यात्री बाइक सहित 50 रुपये की वसूली की जा रही है। बिना वाहन उतरने वालों को 20 रुपया देना पड़ता है। सरयू नदी पार मांझा के लगभग आधा दर्जन गांव से जुड़े प्रभावित हो रहे लोगों ने नदी से पुल तक आने के लिए सीढ़ी बना ली है इसके रास्ते महिलाएं बच्चे ही नहीं बुजुर्ग और साइकिल सामान तक पुल पर लाया जा रहा है सरयू नदी और ढेमवा पुल के आसपास हर वर्ष बाढ़ और कटान की विभीषिका देखने को मिलती है। हर दिन अपना तेवर दिखा रही यहां सरयू रविवार को अपने नए उफान पर नजर आई 24 घंटे में नदी की रफ्तार ने सैकड़ो बीघा जमीन पर खड़ी फसल को अपनी कब्जे में ले लिया। बाढ़ प्रभावित गांव के राम बहादुर, केशव राम, जगजीवन, राम सुघर आदि ने बताया सरयू पार माझा के गांव साखीपुर , ब्योंदा, बहादुर पुर, राजाराम पुरवा, दत्त नगर, गोकुला, बन गांव, चरौठा, विसनोहरपुर इस पार के गांव मंगलसी, धन्नीपुर, रौनाही, इब्राहिमपुर, निदूरा, सहित दर्जनों गांव के लोगो का आवागमन इस मार्ग से प्रतिदिन होता चला आ रहा है। इतना ही नही इस मार्ग से रायबरेली रोड से जुड़े लगभग 50 किलोमीटर या उससे अधिक दूरी के लोगों का आना जाना होता रहा है। गोण्डा मण्डल व अयोध्या मण्डल को जोड़ने वाली यह सड़क कट जाने से लोगों के लिए समस्या बन गयी है। करोड़ो की लागत से बने इस पुल का शुभारम्भ लगभग 5 वर्ष पहले हुआ। तभी से इस पुल की सुरक्षा को लेकर बाढ़ का खतरा बन गया। उत्तरी किनारे से पुल के एप्रोच मार्ग की कटान ने आने जाने वालो को खतरे की घंटी बजा दी है। आज गोंडा जनपद की छोर पर यात्रियों और स्टीमर चलाने वालो में कुछ विवाद सुनाई पड़ा है। इस सम्बंध में पूछे जाने पर रौनाही थाना प्रभारी निरीक्षक पंकज सिंह ने बताया कि उधर की पुलिस और अधिकारी आए थे। इधर इस सम्बंध में कोई जानकारी नही है। बाढ़ और कटान को लेकर शासन स्तर से अभी किसी तरह का निर्देश नही मिला है।