बढ़ते तापमान के साथ ही मिट्टी के घड़ों और सुराही की बिक्री हुई तेज

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मंहगाई के दौरान में मिट्टी के घड़े व सुराही भी हुए मंहगे
कोंच। हर रोज बढ़ रहे तापमान, भीषण धूप और लू के थपेड़े आम लोगों को हलकान कर रहे हैं। गर्मी से बेहाल लोग अपना गला पानी से तर करने के लिए लगातार पानी और शीतल पेय ले रहे हैं। इसी के साथ मिट्टी से निर्मित घड़ों और सुराही की बिक्री ने भी जोर पकड़ा हुआ है। मिट्टी से निर्मित घड़ों को खरीदने के लिए नगर में सागर चौकी और नगर पालिका कार्यालय के बगल में लोगों की अच्छी-खासी भीड़ देखी जा रही है।
सागर चौकी के समीप घड़े बेचने वाले निसार और पालिका कार्यालय के बगल में घड़े बेच रही महिला शम्मो ने बताया कि गर्मी के मौसम में इन दिनों 15 लीटर पानी का बड़ा घड़ा करीब 200 रुपये, 10 लीटर पानी का इससे छोटा घड़ा 80 से 100 रुपये, 5 लीटर पानी की छोटी गगरी 40 से 50 रुपये और 7 से 8 लीटर पानी की सुराही 80 से 90 रुपये के बीच बिक रही है। उन्होंने बताया कि नगर में आसानी से मिट्टी उपलब्ध न हो पाने से हम लोग ये घड़े बाहर से मंगा कर बेचने का काम करते हैं। वहीं नगर के मोहल्ला गांधीनगर में अपने अपने घरों में हाथों से मिट्टी के घड़े और कुल्हड़ बनाकर घर से ही बेचने वाले शिवकुमार, शंकर, राजेश, रामदास आदि ने बताया कि छोटे बड़े घड़ों के साथ ही मिट्टी के कुल्हड़ की मांग गर्मियों के दिनों में बढ़ी है। होटलों पर लस्सी की बिक्री के लिए 3 से साढ़े 3 रुपये प्रति कुल्हड़ बिक रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि कोविड के बाद से ही लोग फ्रिज के ठंडे पानी से दूरी बनाए हुए हैं और मिट्टी से निर्मित घड़ों के ठंडे पानी को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं जिसके चलते घड़ों व सुराही की बिक्री बढ़ी है।


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