भदोही। पूर्व सभासद एवं वरिष्ठ सपा नेता दानिश सिद्दीकी ने कहा कि जो जरूरतमंद है उनका आयुष्मान कार्ड नही बन पा रहा है। लोग आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए भटक रहे हैं। जबकि शासन की मंशा है कि हर जरूरतमंदों का आयुष्मान कार्ड बनाया जाएं।
उन्होंने कहा कि जब लोग कार्ड बनवाने जाते है तो यह कहकर वापस कर दिया जाता है कि आपका सूची में नाम नही है। एक नियम आया है कि जिनके पास राशन कार्ड छः यूनिट का है। उनका आयुष्मान बन जाएगा। अगर उनका राशन कार्ड चार ही यूनिट का है तो उनका आयुष्मान कार्ड नही बनेगा। श्री सिद्दिकी ने कहा कि काफी लोग ऐसे हैं जिनका राशन कार्ड दो से लेकर चार यूनिट तक का है। लेकिन बहुत से ऐसे भी लोग हैं। जिनके पास राशन कार्ड ही नहीं है। वह सभी आयुष्मान कार्ड के पात्र हैं। हालांकि इसके लिए एक अलग मानक तय किया जाना चाहिए। ताकि सभी पात्रों का आयुष्मान कार्ड बन सकें। उन्होंने कहा कि अगर राशन कार्ड के आधार पर आयुष्मान कार्ड बनेगा तो पहले राशन कार्ड बनाएं जाने की व्यवस्था कराई जाएं। लोग राशन कार्ड के लिए आनलाइन कराकर भटक रहे। लेकिन कार्ड जारी नहीं हो रहा। श्री सिद्दिकी ने कहा कि आयुष्मान कार्ड के राह मे रोडा
बन जाता है वह यह है कि जिनके पास आयुष्मान कार्ड है वह अपना इलाज कराने हास्पिटल जाते है तो आयुष्मान कार्ड के साथ पीएम लेटर या राशन कार्ड भी मागा जाता है। जिसे लाभार्थी नही दे पाते। क्योंकि उनके पास पीएम लेटर नही है। क्योकि प्रधानमंत्री आयुष्मान कार्ड 2011 की जनगणना से आया था। उसमें बहुत सारे पात्र गरीब लोग छूट गए थे तो प्रदेश सरकार ने बहुत सारे लोगों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत शामिल करते हुए उनकी सूची जारी किया था। उन लोगों ने उनके आधार पर अपना आयुष्मान कार्ड बनवाया है। उसमें राशन कार्ड और पीएम लेटर जरूरी नही था। उन्होंने कहा कि वह व्यक्ति जब अपना इलाज करवाने हॉस्पिटल जा रहे है तो उसने राशन कार्ड मांगा जा रहा है। जिसमें अधिकांश लोगों का नाम काट दिया गया है या फिर उनके पास नही है। अब बेचारे पीएम लेटर और राशन कार्ड के लिए दर दर भटकते है। उन्होंने कहा कि इन समस्याओं के समाधान के लिए शासन को उचित कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। ताकि आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया और हॉस्पिटल में एडमिट करने और इलाज करवाने को सरल किया जा सके।