सोनिया गांधी, राहुल गांधी, डिंपल यादव, असदुद्दीन ओवैसी और विपक्ष के अन्य नेताओं के बयानों से यह साफ हो जाता है कि वह अगले चुनाव में जातिगत जनगणना के मुद्दे को बड़ा मुद्दा बनाएगी। ओबीसी समुदाय की हिस्सेदारी को विपक्ष बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश करेगा…
इसी साल के अंत में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन अभी से केंद्र सरकार और विपक्ष के हर कामों-बयानों को 2024 के लोकसभा चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है। महिला आरक्षण पर लोकसभा में हुई बहस से यह भी सामने आ गया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष सरकार को किन मुद्दों के सहारे घेरने का काम करेगा। सरकार के जवाब से भी इस बात के संकेत मिल जाते हैं कि वह विपक्ष के हमलों का कैसे जवाब देगी?
महिला आरक्षण विधेयक, जिसे सरकार ने ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ का नाम दिया है, पर चर्चा के दौरान कांग्रेस ने ओबीसी महिलाओं को आरक्षण दिए जाने की मांग की। राहुल गांधी ने कहा कि इस आरक्षण को देने के लिए जातिगत जनगणना का पेंच फंसा रही है, लेकिन वह जनगणना कराने के मुद्दे पर गंभीर नहीं है। उन्होंने केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में सचिवों के ओबीसी संख्या पर प्रश्न खड़ा करते हुए कहा कि उनकी भागीदारी कम है।
सोनिया गांधी, राहुल गांधी, डिंपल यादव, असदुद्दीन ओवैसी और विपक्ष के अन्य नेताओं के बयानों से यह साफ हो जाता है कि वह अगले चुनाव में जातिगत जनगणना के मुद्दे को बड़ा मुद्दा बनाएगी। ओबीसी समुदाय की हिस्सेदारी को विपक्ष बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश करेगा। यदि यह मुद्दा चलता है तो यूपी-बिहार सहित उत्तर भारत के कई बड़े राज्यों में भाजपा को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।