सोनभद्र। नगर के जोगियाबीर मंदिर के पास पंचमुखी हनुमान मंदिर पर नौ दिवसीय मानस यज्ञ पश्चात दिन में भंडारा शाम को कविसम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार जगदीश पंथी एवं संचालन अशोक तिवारी ने किया। वाणी वंदना बाल कवयित्री सृजा ने किया। तदुपरांत ओज व राष्ट्र वाद के सजग प्रहरी कवि प्रद्युम्न तिवारी एड0 ने पार्थ के गांडीव की टंकार है कविता, सीमा की निगहबान पहरेदार है कविता भूखे को दे निवाला प्यासे को देती पानी, सदभावना समसता प्यार है कविता सुनाकर शमां बाध दिये और खूब तालियां बटोरी। दयानंद दयालू ने जेवन बो इबा ऊहै परी काटे के स उदा न इखे घाटे के ना सुनाकर गतिज उर्जा का संचरण किये। देशभक्ति की सशक्त रचना प्रभात सिंह चंदेल ने मजहब एक हिन्दोस्तान होना चाहिए सुनाकर खूब वाहवाही लूटी। अनुपम वाणी कवयित्री ने गीत गजल छंद मुक्तक सुनाकर धारा के विपरीत समसामयिक रचना कब आयेंगे अच्छे दिन के माध्यम से व्यवस्था पर चोट की जो काफी सराही गई। दिवाकर मेघ ने हास्य व्यंग्य के माध्यम से बी. ए. पढै लागल बा बेटौवा, बरवा कटाके कटक उ वा लोगों को खूब हंसाये। दिनेश चौबे ने माना कि, मौसम सर्द बहुत है तो क्या घर से बाहर जाना छोड़ दें सुनाकर आशावादी दृष्टिकोण को धार दिये। युवा नवगीत कार दिलीप सिंह दीपक ने मोहब्बत की जमीं है ए इसका सम्मान मत बेचो , तुम सबकुछ बेच दो लेकिन हिंदुस्तान मत बेचो सुनाकर सत्ता को नसीहत दी जो प्रभावी रही।शायर अशोक तिवारी ने न तुम बोलो न हम बोलें तो आखिर कौन बोलेगा सुनाकर लोगों को सोचने पर विवश कर जागरण किये जो करतल ध्वनि के बीच सुने गये। हास्य व्यंग्य कार जयराम सोनी ने वाह रे आंगनवाड़ी वाह रे आंगनबाड़ी तथा कुकुरभोज रचना सुनाकर सामाजिक विद्रूप ता को उजागर कर लोगों को खूब गुदगुदाये।