सीमा पर चौकसी और आतंकियों-नक्सलियों से लड़ने वाले 11 लाख जवान अब पालेंगे मधुमक्खियां

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सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय में तीन अक्तूबर को होने वाली बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह सचिव करेंगे। उस बैठक में केंद्रीय अर्धसैनिक बल, असम राइफल और एनएसजी के परिसरों में वैज्ञानिक तरीके से मधुमक्खी पालने के तरीकों पर विचार होगा..

केंद्रीय अर्धसैनिक बल ‘सीएपीएफ’ में अनेक नई गतिविधियां देखने को मिल रही हैं। सीमा पर पहरेदारी की ड्यूटी हो या आतंकियों और नक्सलियों के खिलाफ मुठभेड़, इनके अलावा भी सीएपीएफ जवान, कई तरह की ड्यूटी को अंजाम देते हैं। इसमें निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण चुनाव, कानून व्यवस्था, आपदा के दौरान संकटमोचक बनना और विभिन्न क्षेत्रों में सिविक एक्शन प्रोग्राम के माध्यम से लोगों की सहायता करना, आदि शामिल है। कई वर्ष पहले सीआरपीएफ को रिमोट एरिया में सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। पिछले दिनों सीएपीएफ को अपनी तैनाती वाले भौगोलिक क्षेत्र में इतिहास की विस्तृत जानकारी एकत्रित करने के लिए कहा गया था। अब एक नई जिम्मेदारी सामने आ रही है। इस बाबत केंद्रीय गृह मंत्रालय में तीन अक्तूबर को अहम बैठक होगी। उसमें सीएपीएफ के लिए मधुमक्खी पालन का मॉडयूल पेश किया जाएगा।

 

 

 

 

 

 

 

 


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