सोनभद्र। अखिल भारतीय चित्रांश महासभा जनपद सोनभद्र द्वारा विकास नगर स्थित कैंप कार्यालय पर बुधवार को अपने आराध्य देवता भगवान चित्रगुप्त जी का विधि विधान पूर्वक पूजनोत्सव का कार्यक्रम संपन्न किया गया। जिसमें अखिल भारतीय चित्रांश महासभा के जिलाध्यक्ष रतन श्रीवास्तव ने बताया कि, विश्व के समस्त जीवों के पाप और पूर्ण का लेखा-जोखा रखने वाले चित्रगुप्त भगवान की महिमा पर प्रकाश डाला। और उन्होंने बताया की भगवान चित्रगुप्त की उत्पत्ति भगवान ब्रह्मा के संपूर्ण काया से हुई। शास्त्रों में कायस्थ कूल को बुद्धि विद्या और लेखन में सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। उन्होंने कहा कि, भगवान चित्रगुप्त मनुष्य के कर्मों का लेखा-जोखा भी करते हैं। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि, परंपरागत दिवाली के दो दिन बाद भगवान चित्रगुप्त की पूजा की जाती है। मान्यताओं के मुताबिक भगवान चित्रगुप्त को हिंदुओं के प्रमुख देवताओं में एक माना जाता है। भगवान चित्रगुप्त परम पिता ब्रह्मा जी के अंश से पैदा हुए हैं और कायस्थ कहे जाएंगे और इनका नाम चित्रगुप्त भगवान से विख्यात होगा। उन्होंने चित्रगुप्त जी के पूजन का महत्व बताते हुए कहा कि, इनका मुख्य कार्य लेखनी को जोड़कर देखा जाता है यही कारण है कि भैया दूज के दिन चित्रगुप्त जी के प्रतिरूप के तौर पर कलम या लेखनी का पूजन भी किया जाता है। चित्रगुप्त जी का पूजन करने से बुद्धि, विवेक और लेखनी का सौभाग्य प्राप्त होता है और उनकी लेखनी से जीवों को उनके कर्मों के अनुसार न्याय मिलती है। कार्यक्रम में परमहंस आश्रम के संत स्वामी मुद्रानंद सरस्वती जी महाराज व चित्रांश विशाल श्रीवास्तव, जिला महामंत्री अजय श्रीवास्तव, राकेश , रमेश ,राजेश , आशुतोष , पुनीत , अरविंद , संजय , मंगला जी, अमन, आकाश, राहुल, आयुष, नमन, सृजन, श्रेष्ठ, यथार्थ, महिला मंडल में रंजना , नीलम , बीना , विभा , बबीता , संगीता, श्रुति, श्रेया इत्यादि लोग उपस्थित रहे।