जून मध्य से अब तक क्रूड 30% से अधिक बढ़कर 95 डॉलर तक पहुंच चुका है। हालांकि, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर निर्णय से पहले बुधवार को तेल का भाव एक डॉलर तक गिर गया था।
कच्चा तेल फिर 100 डॉलर के पार जा सकता है। गोल्डमैन सैश ने यह अनुमान जताते हुए कहा, मांग में उछाल और ओपेक सहित अन्य देशों में आपूर्ति प्रतिबंधों के कारण क्रूड के दाम में तेजी आ सकती है। इससे महंगाई पर दबाव बना रहेगा।
जून मध्य से अब तक क्रूड 30% से अधिक बढ़कर 95 डॉलर तक पहुंच चुका है। हालांकि, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर निर्णय से पहले बुधवार को तेल का भाव एक डॉलर तक गिर गया था। ओपेक प्लस देशों के प्रमुख सऊदी अरब व रूस के आपूर्ति प्रतिबंधों से कच्चा तेल इस समय 10 माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। अमेरिका और चीन में बेहतर स्थिति ने भी इसमें मदद की है। तेल के भंडार में तेजी से गिरावट आ रही है।
80-105 डॉलर क्रूड की कीमत रख सकता है ओपेक
ओपेक 2024 में मजबूत एशिया-केंद्रित वैश्विक मांग वृद्धि का लाभ उठाकर ब्रेंट को 80 डॉलर से 105 डॉलर के दायरे में बनाए रखने में सक्षम होगा। पिछले सप्ताह अमेरिकी तेल के भंडार में 50 लाख बैरल की कमी आई थी।