महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक विशेष अदालत ने 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगने और स्वीकार करने के आरोपी सहकारी विभाग के एक अधिकारी को बरी कर दिया है। अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ आरोप साबित करने में विफल रहा, इसलिए उसे बरी कर दिया।
महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक विशेष अदालत ने 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगने और स्वीकार करने के आरोपी सहकारी विभाग के एक अधिकारी को बरी कर दिया है। विशेष न्यायाधीश अमित एम शेटे ने 16 सितंबर के एक आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष कथित आरोपी हौसेराव रामचंद्र गावड़े के खिलाफ आरोप साबित करने में विफल रहा, इसलिए उसे बरी कर दिया।
विशेष लोक अभियोजक संजय बी मोरे ने अदालत को सूचित किया कि मामले में शिकायतकर्ता एक ट्रैवल एजेंसी में काम करती थी और मीरा रोड में एक हाउसिंग सोसाइटी में रहती थी।
क्यों सील था फ्लैट
शिकायतकर्ता उच्च अध्ययन के लिए विदेश गई हुई थी, लेकिन 2009 में जब घर लौटी तो पाया कि उसका फ्लैट सील कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि पूछताछ करने पर उसने पाया कि उसके खिलाफ मैंटेनेंस बकाया को लेकर वसूली की कार्यवाही शुरू की गई है।