अंतरराष्ट्रीय वकील सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कानूनों में इस्तेमाल होने वाली भाषा, न्यायिक प्रक्रिया में न्याय सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ‘हमारी सरकार सोच रही है कि कानूनों को दो तरीके से पेश किया जाना चाहिए। जिनमें एक मसौदे में ऐसी भाषा होगी, जो आप इस्तेमाल करते हैं और दूसरे मसौदे में ऐसी भाषा होगी, जो देश का आम आदमी समझ सकता है। लोगों को लगना चाहिए कि कानून उनके लिए है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में कानूनों को मुश्किल भाषा में ड्राफ्ट करने की आदत रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कानूनी बिरादरी की तारीफ करते हुए कहा कि न्यायपालिका और बार लंबे समय से भारत की न्याय प्रणाली के संरक्षक रहे हैं। कानूनी पेशे से ताल्लुक रखने वाले केई लोगों ने देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी, बीआर अंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू, सरकार वल्लभभाई पटेल जैसे महान नेता वकील ही थे। प्रधानमंत्री ने महिला आरक्षण, जी20 और चंद्रयान मिशन की सफलता का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत 2047 तक विकसित देश बनने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। पीएम ने कहा कि भारत पर दुनिया का भरोसा बढ़ने में निष्पक्ष न्याय की अहम भूमिका है।