कनाडा के पीएम को किसी भी देश से इस मुद्दे पर उम्मीद के मुताबिक समर्थन हासिल नहीं हुआ है। कनाडा में जहां विपक्ष और आम लोग ट्रूडो से उनके आरोपों को साबित करने वाले सबूत मांग रहे हैं।
कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर इस उम्मीद में लगाया कि उन्हें अमेरिका, ब्रिटेन व ऑस्ट्रेलिया से समर्थन मिलेगा और ये देश भारत पर दबाव बनाएंगे। ट्रूडो कयास लगा रहे थे कि भारत पर निज्जर की हत्या के झूठे आरोप लगाकर उनकी सरकार खालिस्तानी आतंकियों और भारत विरोधी गतिविधियों को संरक्षण देने की वास्तविकता और जवाबदेही से बच जाएगी, लेकिन इसमें उन्हें पूरी तरह सफलता नहीं मिली है।
कनाडा के पीएम को किसी भी देश से इस मुद्दे पर उम्मीद के मुताबिक समर्थन हासिल नहीं हुआ है। कनाडा में जहां विपक्ष और आम लोग ट्रूडो से उनके आरोपों को साबित करने वाले सबूत मांग रहे हैं। आपस में खुफिया सूचना साझा करने के मकसद से बने अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा के समूह फाइव आई अलायंस के चारों देशों ने कनाडा को आरोपों की जांच में मदद देने का वादा जरूर किया है, लेकिन कोई भी कनाडाई पीएम के भरोसेमंद आरोपों (क्रेडिबल एलिगेशन) पर भरोसा करने को तैयार नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में शामिल होने आईं ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वांग ने मंगलवार को इस मुद्दे पर कोई भी टिप्पणी करने से इन्कार करते हुए कहा कि हम इस मामले की पूरी जांच चाहते हैं। वहीं, ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने भी यही बात दोहराते हुए कहा कि कनाडा ने गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनकी गहराई से जांच जरूरी है। जबकि अमेरिका की राष्ट्रीय रक्षा परिषद के प्रवक्ता एडमिरल जॉन किर्बी ने कहा, आरोप बेहद गंभीर हैं। आरोपों की सच्चाई जानने के लिए जांच जरूरी है।
कनाडा के पीएम को किसी भी देश से इस मुद्दे पर उम्मीद के मुताबिक समर्थन हासिल नहीं हुआ है। कनाडा में जहां विपक्ष और आम लोग ट्रूडो से उनके आरोपों को साबित करने वाले सबूत मांग रहे हैं। आपस में खुफिया सूचना साझा करने के मकसद से बने अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा के समूह फाइव आई अलायंस के चारों देशों ने कनाडा को आरोपों की जांच में मदद देने का वादा जरूर किया है, लेकिन कोई भी कनाडाई पीएम के भरोसेमंद आरोपों (क्रेडिबल एलिगेशन) पर भरोसा करने को तैयार नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में शामिल होने आईं ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वांग ने मंगलवार को इस मुद्दे पर कोई भी टिप्पणी करने से इन्कार करते हुए कहा कि हम इस मामले की पूरी जांच चाहते हैं। वहीं, ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने भी यही बात दोहराते हुए कहा कि कनाडा ने गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनकी गहराई से जांच जरूरी है। जबकि अमेरिका की राष्ट्रीय रक्षा परिषद के प्रवक्ता एडमिरल जॉन किर्बी ने कहा, आरोप बेहद गंभीर हैं। आरोपों की सच्चाई जानने के लिए जांच जरूरी है।