दिल्ली सरकार के मंत्री राजकुमार आनंद के इस्तीफे को दिल्ली के 30 लाख अनुसूचित जाति जनजाति समुदाय की भावना के अनुरूप बताया
नई दिल्ली,
ज्वाइंट एक्शन कमेटी दिल्ली स्टेट एससी एसटी ओबीसी माइनॉरिटी आगेर्नाईजेशन
कमेटी के मुख्य समन्वयक वीरेंद्र कुमार जाटव ने बुधवार को कहा कि मंत्री राजकुमार आनंद का दिल्ली सरकार से इस्तीफा देना साहसिक कदम है!
ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने दिल्ली के मंत्री राजकुमार आनंद से लगातार निवेदन और प्रतिवेदन किये थे कि दिल्ली अनुसूचित आयोग का गठन किया जाए, राज्य अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए , पिछले 8 साल से लंबित अंबेडकर अवार्ड घोषित किया ,बोध गया सारनाथ यात्रा के लिए विशेष तीर्थ यात्री ट्रेन चलाई जाए. दिल्ली के अनूसूचित वर्ग की 13 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्वाइंट एक्शन कमेटी लगातार दिल्ली सरकार से मांग करती रही थी जिस पर दिल्ली सरकार ने कोई कार्य नहीं किया , जिसकी पुष्टि राजकुमार आनंद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिए गए वक्तव्य से हो जाती है.मंत्री ने अनुसूचित जाति वर्ग की अनदेखी का गंभीर आरोप लगाया है 13 राज्य सभा के सांसदों में से एक भी अनुसूचित जाति वर्ग से नहीं है यह मंत्री ने स्वयं कहा है इसके अलावा मंत्री का यह आप भी जायज है कि पार्टी संगठन और सरकार में अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के विधायक एवम पार्षदों को उचित सम्मान नहीं दिया जाता है और उनके अधिकारों की लगातार अनदेखी की जाती है.दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी को मंत्री के इस्तीफा के बाद संभल जाना चाहिए कि दिल्ली के 30 लाख अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग की अनदेखी आने वाले लोकसभा चुनाव में कहीं भारी न पड़ जाए इसलिए समय रहते इस वर्ग के मुद्दो का समाधान किया जाए!जाटव ने कहा कि मंत्री काम नहीं करने के बाद आज उनके इस्तीफा से पता चलता है कि वह समाज का काम नहीं कर सके तो इस्तीफा दे दिया!