भगवान चित्रगुप्त की पूजा कर लिया बुद्धि और विद्या का आर्शीवाद

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भदोही। भगवान चित्रगुप्त की जयंती पर बुधवार को कायस्थ समाज के लोगों ने ज्ञानपुर में स्थित भगवान चित्रगुप्त की मंदिर में पहुंचकर हवन और पूजा की। जब पर सभी के द्वारा कलम की भी विधि-विधान के साथ पूजा की गई।
इस अवसर पर कायस्थ समाज के लोगों ने कलम की पंचोपचार विधि से पूजा करके भगवान चित्रगुप्त का स्मरण किया। उनसे हाथ जोड़कर उस कलम को आशीर्वाद रूप में प्राप्त करने की प्रार्थना की गई। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के जिलाध्यक्ष जगदीश श्रीवास्तव ने बताया कि इस प्रकार पूजी गई कलम अमोघ यानि प्रभावी हो जाती है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक उस कलम से लिखा गया सही हो जाता है। पूजा की गई कलम से लिखने पर दैवीय सहायता प्राप्त होती है। वहीं कायस्थ महासभा के जिला उपाध्यक्ष सुरेंद्र श्रीवास्तव संजय ने बताया कि
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान चित्रगुप्त ब्रह्म देव की काया यानि शरीर से उत्पन्न हुए थे। इसलिए उनको कायस्थ कहा जाता है। इसी कारण ब्रहा देव ने उनको जीवों के कर्मों का लेखा-जोखा रखने की जिम्मेदारी दी है। चित्रगुप्त पूजा करने से बुद्धि, विद्या और लेखन में महारत हासिल होती है। उन्होंने कहा कि दिवाली से चित्रगुप्त पूजा तक कायस्थ समाज के लोग लेखा-जोखा का कार्य नहीं करते हैं। कलम की पूजा करके उसपर स्वास्तिक का चिन्ह अंकित किया जाता है।‌  श्रीगणेशाय नम: लिखकर सिद्धि बुद्धि सहित श्री गणेश को प्रणाम किया जाता है। उसके बाद उस कलम को प्रयोग में लिया जाता है।
इस मौके पर प्रभात श्रीवास्तव, मनोज अंबष्ट, अजय श्रीवास्तव, विनोद श्रीवास्तव, राजेंद्र श्रीवास्तव, धीरज श्रीवास्तव, आनंद श्रीवास्तव, केशन श्रीवास्तव, सुभाष श्रीवास्तव, सुनील श्रीवास्तव, अरुण श्रीवास्तव व दिनेश श्रीवास्तव आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहें।

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