ब्लाक स्तरीय श्रुतलेख प्रतियोगिता संपन्न

बहराइच l खंड शिक्षा अधिकारी फखरपुर अनुराग मिश्रा के कुशल मार्ग दर्शन मे महानिदेशक स्कूली शिक्षा…

सपा ने पेशकार राव को दोबारा बनाया बाबा साहब अम्बेडकर वाहिनी का जिलाध्क्ष

बहराइच। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देशानुसार समाजवादी बाबा साहब अम्बेडकर वाहिनी के प्रदेश…

अपना दल एस के कार्यकर्ताओं ने किया नवनियुक्त विधानसभा अध्यक्ष का स्वागत

सोनभद्र। सोमवार को जनपद सोनभद्र रॉबर्ट्सगंज स्थित अपना दल एस के जिला कार्यालय पर नवनियुक्त विधानसभा…

संदिग्ध परिस्थितियों में युवक की मौत, मचा कोहराम

सोनभद्र। घोरावल कोतवाली क्षेत्र के सतौहा गांव के एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत मिर्जापुर…

पंडित दीनदयाल का व्यक्तित्व और कृतित्व हमेशा रहेगा प्रेरणास्रोत

गाजीपुर । गरीबों और दलितों के मसीहा राष्ट्रवादी नेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी को उनकी जन्म जयंती…

सड़क पार करते समय ट्रक की चपेट में आने से युवक की मौत

कछवा रोड क्षेत्र के चित्रसेनपुर किसान मंडी के समीप हाईवे पर सड़क पार करते तेज रफ्तार…

करिश्मा यादव बनी सिविल जज जनपद का गौरव बढ़ाने वाली बिटिया का हुआ भव्य स्वागत

सदर ब्लाक के अंतर्गत ग्राम सभा भंवरी की रहने वाली करिश्मा यादव ने पहले ही प्रयास…

पंचायती राज सफाई कर्मचारी संघ के रोशन लाल तीसरी बार बने जिलाध्यक्ष

आज स्टार पैलेस में उ.प्र. पंचायती राज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ गाजीपुर का द्विवार्षिक चुनाव, चुनाव…

बोल्डर धंस रहे

वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान की रिपोर्ट में इस बात का प्रमुखता से जिक्र किया गया है कि जोशीमठ की मिट्टी का ढांचा बोल्डर, बजरी और मिट्टी का एक जटिल मिश्रण है। यहां बोल्डर भी ग्लेशियर से लाई गई बजरी और मिट्टी से बने हैं, इनमें ज्वाइंट प्लेन हैं, जो इनके खिसकने का एक बड़ा कारण हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ऐसी मिट्टी में आंतरिक क्षरण के कारण संपूर्ण संरचना में अस्थिरता आ जाती है। इसके बाद पुन: समायोजन होता है, जिसके परिणामस्वरूप बोल्डर धंस रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि धंसाव का मुख्य कारण आंतरिक क्षरण ही प्रतीत होता…

जमीन के भीतर पानी रिसने से चट्टानों का खिसकना बना भूधंसाव का कारण

सरकार की ओर से वैज्ञानिक संस्थाओं की रिपोर्ट सार्वजनिक किए जाने के साथ ही जोशीमठ भूधंसाव के रहस्यों से पर्दा उठने लगा है। रिपोर्ट में मोरेन क्षेत्र (ग्लेशियर की ओर से लाई गई मिट्टी) में बसे जोशीमठ की जमीन के भीतर पानी के रिसाव के कारण चट्टानों के खिसकने की बात सामने आई है। जिसके कारण वहां भूधंसाव हो रहा है।जोशीमठ हिमालयी इलाके में जिस ऊंचाई पर बसा है, उसे पैरा ग्लेशियल जोन कहा जाता है। इसका मतलब है कि इन जगहों पर कभी ग्लेशियर थे, लेकिन बाद में ग्लेशियर पिघल गए और उनका मलबा बाकी रह गया। इससे बना पहाड़ मोरेन कहलाता है। इसी मोरेन के ऊपर जोशीमठ बसा है।